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Childhood

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हेलो दोस्तों 😇, आशा करता हूँ आप सभी अपनी लाइफ को नई दिशा देने के लिए, और जीवन में उत्साह भरने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे होंगे।   मुझमे और मेरे छोटे भाई में सिर्फ दो साला का अंतर है और बहन सबसे छोटी है।  मेरी एक और छोटी बहन थी मगर वो बचपन में ही बीमारी की वजह से नहीं रही।  उस वक़्त मेरे माता-पिता ने उसे बचने की बहुत कोशिश की,  मगर असफल रहे।   खैर अब हम स्कूल जाने लगे थे।  स्कूल के वो दिन भी क्या दिन होते है जब सभी बिना किसी भूत-भविष्य की चिंता किये अपने में मगन रहना।  नादानियों भरी सरारते करना।  मुझे आज भी याद है जब मम्मी टिफिन देकर स्कूल भेजती मगर मैं हमेशा टिफिन जैसा का वैसा घर ले आता था। मैं बचपन से ही बहुत शर्मीला और आज्ञाकारी रहा हु। और आसानी हर किसी की बात मान लेता हूँ। मेरे स्वभाव के कारण घर में और बाहर लोग पसंद करते। उसी के विपरिट मेरा भाई है जो किसी की बात नहीं मानता और हर किसी से पंगा लेता रहता हैं।  और मेरी बहन बहुत ही प्यारी और मासूम सी है। और वो मेरी सबसे दुलारी हैं ।  भाई और मेरे बिच में हमेशा  बहन को लेकर छोटी - मोटि लड़ाईया होती रहती थी। भाई किसी

Introduction

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हेलो दोस्तों ,😇 Rajendra Sonkusare आज से मैं आपसे अपनी डेली रूटीन को शेयर करना शुरू करने वाला हूँ।  आशा करता हू, आप सभी को मेरे बारे जानने और गलतियों से कुछ सीखने में मदद मिलेगी। वैसे तो मेरी लाइफ बहुत ही साधाहरण है।  और मेरी लाइफ मजे में गुजर रही है।  मैं एक साधाहरण सा दिखने वाला इंसान हु। जिसकी लाइफ में बहुत सरे साधाहरण से सपने है।  और जिनको मैं पूरा करना चाहता हु।  इस प्लॅटफॉम पर मैं मेरा अब तक का, लाइफ का सफर और उसके एक्सपेरिएंस शेएर करूंगा। आज मैं एक मल्टी नेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हु जो की पुणे शहर में है। पुणे एक बहुत ही सांस्कृतिक और प्राचीन शहर है। यहां के लोग बहुत ही सभ्य और पड़े - लिखे है। पुणे, जिसे पूना (मराठी उच्चारण) भी कहा  जाता है। 2019 तक लगभग 7.2 मिलियन की आबादी के साथ भारत में आबादी वाला शहर। इसे कई बार भारत में सबसे अधिक रहने योग्य शहरों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है। चलो मैं अपना परिचय शुरू करता हु।  मेरा नाम राजेंद्र सोनकुसरे है। मेरा जन्म १३ अगस्त १९८३ में मोहगांव, छिंदवाड़ा , मध्य-प्रदेश में हुआ था। मेरे पि

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हेलो दोस्तों 😇, जैसा की आप सभी जानते इंसान के जीवन में डर का होना और किस्मत पर भरोसा करना दोनों ही जीवन का हिस्सा है।  मगर दोनों का जरूरत से ज्यादा होना कभी भी फायदे मंद नहीं रहा है।  मगर मेरे केस में किस्मत पर यकीन करना सिर्फ १% ही था।  मगर मैं अपना हर काम पूरे परफेक्शन के साथ करना पसंद करता हु।  ये सब मैंने जो अब तक बताया वो सब कुछ मेरे आददतो के बारे में था।   लोगो की लाइफ में उनके द्वारा लिया गया निर्णय ही उनकी लाइफ को नई दिया और रास्ता दिखता है।  जब मैं  अपनी स्कूल की पढाई कर रहा था तब मैंने नहीं सोचा था की आगे जाकर लाइफ क्या बनूँगा? लाइफ मुझे कहा लेकर जाएगी?  मैंने कभी भविस्य का ज्यादा नहीं सोचा था और हमेसा की तरह दैनिक दिनचर्या में वयस्त रहता। बिना किसी लक्ष्य की लाइफ हमेशा दिशा हीन होती है।  किसी के भी जीवन में लक्ष्य का होना महत्वपूर्ण होता है। मैं पढाई सिर्फ लोगो के लिए और उनको दिखने के लिए ही करता था। मैं सिर्फ लोगो की भीड को फॉलो कर रहा था।  मेरा कोई सोच था ही नहीं अपनी लाइफ में कुछ करने का।  और मैं और ज्यादा डरने लेगा था। और मैं करियर की अंधी दौड़ में दौड़